कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप के बैनर तले सौ से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे खुले ख़त में कहा है कि भाजपा सांसद उनकी भड़काऊ भाषा और लगातार नफ़रत फैलाने वाले कृत्यों के चलते संसद सदस्य होने का नैतिक अधिकार खो चुकी हैं.
शिवमोगा में दिए गए बयान का हवाला देते हुए कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप के बैनर तले सौ से अधिक पूर्व सिविल सेवकों ने कहा, ‘यद्यपि ऐसा लगता है कि प्रज्ञा ठाकुर ने उनके खिलाफ लगाए गए आपराधिक आरोपों से बचने के लिए चतुराई से अपने शब्दों को चुना है, लेकिन यह बेहद झीना आवरण है. वह स्पष्ट रूप से गैर-हिंदू समुदायों के खिलाफ नफरत फैला रही हैं और उनके खिलाफ हिंसा की वकालत कर रही हैं.’
अपने पत्र में उन्होंने कहा कि भोपाल सांसद के खिलाफ लोकसभा के नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा, ‘उनके भड़काने वाली अभद्र भाषा और बार-बार नफरत फैलाने वाले कृत्यों के चलते उन्होंने संसद सदस्य होने का नैतिक अधिकार खो दिया है.’
पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में एएस दुलत, नजीब जंग, हर्ष मंदर, शिवशंकर मेनन, टीकेए नायर, जूलियो रिबेरो और अरुणा रॉय भी शामिल हैं.