वाराणसी शहर के भेलूपुर थाना क्षेत्र में स्थित शंकुलधारा पोखरे के पास 92 लाख करेंसी लावारसी हालत में 31 मई को एक कार में मिली थी। इस मामले में आला अधिकारियों के जांच बाद संदिग्ध भूमिका मिलने पर दोषी तत्कालीन थाना प्रभारी भेलूपुर रमाकांत दुबे, दरोगा सुशील कुमार, महेश कुमार व उत्कर्ष चतुर्वेदी सहित सात पुलिस कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्त पुलिस कर्मियों में इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे 1998 बैच का दरोगा है।
गुजरात के कारोबारी से लूट का मामला
अपर पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने बताया था कि रुपये बरामदगी मामले में आरोपित पुलिसकर्मियों ने मौके पर पहुंचने के बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं की। इसलिए सभी को निलंबित किया गया है। इधर, यह मामला थमा नहीं था कि इसी दौरान गुजरात के एक कारोबारी कमलेश शाह के मुनीम विक्रम सिंह ने 1.40 करोड़ रुपये लूट का मुकदमा इसी थाने में दर्ज करा दिया। हालांकि, अधिकृत रूप से दोनों मामले एक नहीं है, लेकिन दोनों घटनाक्रम को एक-दूसरे से जोड़कर पुलिस अधिकारी भी देख रहे हैं। 92 लाख रुपये की बरामदगी मामले में जिस व्यक्ति का नाम सामने आ रहा था, उसी के खिलाफ लूट की रिपोर्ट दर्ज हुई है।
सभी बर्खास्त पुलिसकर्मियों का करियर खत्म
सुशील कुमार 2017 बैच का और उत्कर्ष चतुर्वेदी व महेश कुमार 2019 बैच का दरोगा है। चारों पर हुई कार्रवाई को लेकर पुलिस कर्मियों का ही कहना था कि सुशील, उत्कर्ष और महेश के कॅरिअर की तो अभी शुरुआत ही हुई थी। वहीं, रमाकांत दुबे को पदोन्नति पाकर डिप्टी एसपी होना था। मगर, सभी ने अपनी नौकरी के साथ ऐसा मजाक किया कि निकट भविष्य में उसकी भरपाई संभव नहीं दिखाई देती है।