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Gujrat: गुजरात के तटों की तरफ बढ़ रहा चक्रवात बिपरजॉय बेहद खतरनाक रूप ले चुका है। आज शाम कच्छ के जखाऊ में जमीन से टकराने की आशंका है। तूफान के टकराने के बाद 150 किमी प्रतिघंटे से ज्यादा की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है मौसम विभाग ने इससे भारी तबाही की चेतावनी दी है और लोगों को बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है। कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्रों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। किसी भी हालात से निपटने के लिए गुजरात और महाराष्ट्र में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की कई टीमें तैनात की गई हैं। सेना भी तैयार है। विंग कमांडर एन मनीष का कहना है कि गुजरात के साथ-साथ कई जगहों पर राहत स्तंभों को तैनात किया गया है।

तूफान से निपटने के लिए सुरक्षाबल तैयार

बेहद खतरनाक चक्रवात बिपरजॉय के गुजरात के तटीय शहरों के पास पहुंचने पर भारतीय सशस्त्र बलों ने लोगों को सुरक्षित बचाने का जिम्मा ले लिया है। इसी क्रम में, भारतीय नौसेना ने मानवीय सहायता और आपदा राहत ईंट से लैस चार जहाजों को तैनात किया, जो सूचना मिलते ही सुरक्षा में जुड़ जाएंगे। इसके अलावा सेना ने पोरबंदर और ओखा में पांच राहत दल, वलसुरा में 15 राहत दल तैनात किए गए। ये अधिकारी लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं। वहीं, गोवा में आईएनएस हंसा और मुंबई में आईएनएस शिकरा में तैनात हेलीकॉप्टर गुजरात में तत्काल परिवहन सेवा देने के लिए तैयार रखे गए।

इन इलाकों से हजारों की संख्या में निकले गए लोग

गुजरात के राहत आयुक्त आलोक पांडे ने बताया था कि तटीय इलाकों से लोगों को निकालने की प्रक्रिया बुधवार सुबह तक पूरी कर ली गई है। 74,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। आठ तटीय जिलों में कुल 74,345 लोगों को अस्थायी आश्रयों में ले जाया गया। अकेले कच्छ जिले में लगभग 34,300 लोगों को निकाला गया। इसके बाद जामनगर में 10,000, मोरबी में 9,243, राजकोट में 6,089, देवभूमि द्वारका में 5,035, जूनागढ़ में 4,604, पोरबंदर में 3,469 और गिर सोमनाथ जिले में 1,605 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है

सुरक्षित रहने के लिए करें ये काम

  • चक्रवात से पहले जारी होने वाले हर अलर्ट को ध्यान से पढ़ें, इसके लिए लगातार आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जानकारी लें. सोशल मीडिया पर फैली जानकारी पर भरोसा न करें. 
  • घर में मौजूद तमाम इलेक्ट्रिक उपकरणों को तुरंत बंद कर दें, टीवी का प्लग और बाकी बिजली की चीजों को भी हटा दें. इसके अलावा तूफान के टकराने पर गैस, बिजली आदि के तमाम स्विच बंद कर दें. 
  • आमतौर पर लोग ऐसे में दरवाजे या फिर खिड़की का बचने के लिए सहारा लेते हैं, लेकिन ऐसे में आपको घर में ऐसी जगह तलाशनी है जो सबसे ज्यादा मजबूत हो. आप सीढ़ियों, बाथरूम या फिर गैलरी में छिप सकते हैं. 
  • किसी भी ऐसी चीज को खुले में नहीं रहने दें, जो हवा की रफ्तार से उड़ सकती है या फिर गिरकर आपके परिवार को नुकसान पहुंचा सकती है. 
  • तेज रफ्तार से चलने वाली हवाओं से बचने के लिए आप वेंटिलेशन तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं. यानी हवा को ब्लॉक करने की जगह उसे पास होने का रास्ता दें, जिससे नुकसान कम होगा. 
  • चक्रवात के दौरान ये भी देखा जाता है कि कुछ देर के लिए अचानक हवा की रफ्तार कम हो जाती है, ऐसे में अलर्ट रहें. क्योंकि कुछ देर बाद फिर से अचानक तेज हवाएं चल सकती हैं. 
  • अगर आपके इलाके में भारी तूफान की चेतावनी दी गई है तो ऐसे में तटीय इलाकों से दूर रहें. हो सके तो किसी ऐसे घर पर रहें, जिसकी ऊंचाई ज्यादा हो और जहां से आसानी से मदद बुलाई जा सके. 
  • तूफान और भारी बारिश की स्थिति में आप अपने घर में कम से कम तीन से पांच दिन का राशन रखें. खाने की जरूरी चीजें जैसे- दूध, सब्जियां और आटा आदि स्टोर करके रख लें. जल्दी से खराब नहीं होने वाले स्नैक्स भी रख सकते हैं. 
  • चक्रवात के दौरान अगर आप कार में फंस गए हैं तो किसी ऐसी जगह पर रुकें जहां पेड़ कम हों, साथ ही पानी के बहाव से भी दूर रहें, ध्यान रहे कि बिजली की तारें आसपास न हों. कार के अंदर ही आप सेफ हैं, इसलिए बाहर निकलने की कोशिश न करें.

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