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Manipur Government : बीते दिनों मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुवे दुष्कर्म की शर्मनाक घटना की पूरे देश में आलोचना हो रही है. महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने की घटना के बाद राज्य में हिंसा बढ़ गई है. शनिवार को चुराचांदपुर और इंफाल के पास मैतेई और कुकी समुदाय के बीच रात भर फायरिंग हुई। बिष्णुपुर के थोरबुंग में भीड़ ने एक स्कूल और कई घरों में आग लगा दी.

मणिपुर के मैतई और कूकी समुदायों में टकराव के बीच मिजोरम में बसे मैतई समुदाय के लोगों को एयरलिफ्ट कराए जाने की योजना बनाई जा रही है. एक पूर्व-उग्रवादी संगठन ने मैतई लोगों को उनकी सुरक्षा को लेकर राज्य छोड़ने को कहा था, जिसके बाद मणिपुर सरकार समुदाय के लोगों को वहां से एयरलिफ्ट कराने पर विचार कर रही है.  संगठन ने कहा कि मणिपुर में दो महिलाओं के साथ बर्बरता के वीडियो को लेकर मिजोरम के युवाओं में काफी गुस्सा है.

भेजी जाएंगी स्पेशल एटीआर फ्लाइट्स

रिपोर्ट के मुताबिक, आइजावल-इंफाल और आइजावल-सिलचर के बीच स्पेशल एटीआर फ्लाइट्स के जरिए समुदाय के लोगों को मिजोरम से निकाला जा सकता है. उधर, मिजोरम सरकार ने शनिवार (22 जुलाई) को राज्य में रहने वाले मैतई समुदाय के लोगों को सुरक्षा का आश्वासन दिया और उनसे अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा. पीटीआई ने एक आधिकारिक बयान के हवाले से बताया, राज्य के गृह आयुक्त एवं सचिव एच. लालेंगमाविया ने मैतई समुदाय के नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया.

एक बयान से फैला डर

बता दें कि मिजोरम में रहने वाले मिजो लोगों के, मणिपुर के कुकी और जोमी जनजाति के लोगों के साथ गहरे जातीय संबंध हैं। मणिपुर में जिन महिलाओं के साथ ज्यादती की गई, वह कुकी और जोमी जनजाति की ही थीं। ऐसे में पूर्व उग्रवादी संगठन मिजो नेशनल फ्रंट के सहयोगी संगठन पीस अकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज एसोसिएशन (PAMRA) ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि ‘मिजोरम में रह रहे मैतेई समुदाय के लोग अपनी सुरक्षा के लिए राज्य छोड़ दें। बयान में कहा गया कि मणिपुर की घटना से मिजो लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं, ऐसे में मिजोरम, अब मैतेई लोगों के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है।’

मिजोरम में रहते हैं दो हजार मैतेई लोग

मिजोरम में करीब दो हजार मैतेई समुदाय के लोग रहते हैं। ये अधिकतर राजधानी आइजवाल और इसके आसपास के इलाकों में रहते हैं। PAMRA के बयान के बाद मिजोरम में रहने वाले मैतई समुदाय में डर फैल गया और लोगों ने पलायन शुरू कर दिया। हालांकि मिजोरम की सरकार ने लोगों को विश्वास दिलाया है कि उन्हें मिजोरम में कोई खतरा नहीं है और मैतई बहुल कई जगहों पर पुलिस की तैनाती भी की गई है। हालांकि इसके बावजूद लोग मिजोरम से पलायन कर रहे हैं। 

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