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Varanasi News : वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सील वजूखाने को छोड़कर पूरे परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे संबंधी आदेश जिला जज ने शुक्रवार को दिया था। जिला जज की अदालत के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है। मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता का कहना है कि एएसआई से सर्वे का आदेश देकर जिला जज ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना की गई है। कमेटी के अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने बताया है गंभीर मामला

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वे पर रोक लग सकती है। मुस्लिम पक्ष ने इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिक दायर की है। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने बताया कि जिला जज की अदालत ने जो फैसला दिया है वह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में तथाकथित शिवलिंग के सर्वे मामले में रोक लगते हुए उसे गंभीर मामला बताया था।

चार अगस्त तक अदालत को सौंपनी है रिपोर्ट

जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने शुक्रवार को ज्ञानवापी परिसर (सील वजूखाने को छोड़कर) का सर्वे करने का आदेश एएसआई को दिया है। सर्वे रिपोर्ट चार अगस्त तक अदालत में जमा करनी है। सात पेज के आदेश में अदालत ने कहा है कि इमारत की संरचना को नुकसान पहुंचाए बगैर वैज्ञानिक तरीके से जांच करनी है। यह बताना है कि क्या मंदिर के ऊपर मस्जिद बनाई गई है?

एएसआई को कल सौंपी जाएगी अदालत के आदेश की प्रति

 ज्ञानवापी परिसर (सील वजूखाने को छोड़कर) के सर्वे संबंधी जिला जज की अदालत के आदेश की प्रति सोमवार को हिंदू पक्ष की ओर से सारनाथ स्थित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के कार्यालय में दी जाएगी। यह जानकारी हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने दी है। उनका कहना है कि जरूरी औपचारिकताएं शनिवार को पूरी कर ली गईं। सोमवार को अदालत के आदेश की प्रति एएसआई के स्थानीय अधिकारियों को सौंपकर उनसे वादी और प्रतिवादी पक्ष की बैठक बुलाकर सर्वे का काम जल्द शुरू कराने की मांग की जाएगी। अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि हाईकोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की जाएगी। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। हमारी प्राथमिकता में ज्ञानवापी में एएसआई से सर्वे शुरू करा कर वैज्ञानिक तरीके से वास्तविक तथ्यों को सामने लाना है।

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