Varanasi: वाराणसी में राजघाट स्थित गांधी और जेपी विरासत की बगिया (जो सर्व सेवा संघ के नाम से जानी जाती है) का भवन व परिसर शनिवार को खाली करा लिया गया। बुलडोजर व भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे प्रशासनिक व रेलवे के अधिकारियों ने सामान बाहर निकलवाना शुरू किया तो पदाधिकारी व लोगों ने विरोध किया। इसके बाद पुलिस ने सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल सहित आठ लोगों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। देर शाम सभी आरोपियों को पुलिस आयुक्त की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

आज जिला और पुलिस प्रशासन के साथ रेलवे की टीम सर्व सेवा संघ के चारों ओर तैनात है। यहां कुल 82 भवनों को खाली करा दिया गया है। पूरी रात भर भवनों को खाली कराने का काम चलता रहा। सामान हटाने के दाैरान पुलिस व संघ पदाधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। पदाधिकारियों ने दुर्व्यवहार के आरोप भी लगाए। जैसे ही सारा सामान बाहर आ जाएगा, वैसे ही बुलडोजर चल सकता है। सर्व सेवा संघ भवन के बाहर रेलवे प्रशासन ने एक बैनर लटका दिया है, जिस पर लिखा है कि “उपरोक्त क्षेत्र रेलवे के प्राधिकार में हैं। उक्त क्षेत्र में अनाधिकृत प्रवेश वर्जित एवं दण्डनीय अपराध है।’
दरवाजे से लिपटकर रोते दिखे लोग

जहां बच्चे पले-बढ़े, उस आवास व जगह को छोड़कर जाने की पीड़ा शासन-प्रशासन नहीं समझ सकता है। घर-गृहस्थी के सामान समेटते हुए अपनी व्यथा बताते गीता देवी फफक कर रोने लगीं। आंखों में आंसू भरे गीता सवाल करती हैं कि हमारा क्या दोष है? अब सामान लेकर कहां जाएंगे। गीता जैसे ही कई परिवार मिले, जो एक झटके में परिसर से बाहर किए जाने से मर्माहत थे। कितने ऐसे भी परिवार थे, जिनके सदस्य दरवाजे से लिपट कर रोने लगे। कलेजे पर पत्थर रखकर आवास छोड़कर मालवाहक वाहन से निकल गए।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दि याचिका
सर्व सेवा संघ के पदाधिकारियों ने प्रशासन के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके 4 दिन बाद शनिवार को पुलिस बल के साथ पहुंचे प्रशासनिक व रेलवे के अधिकारियों की टीम सुबह 7 बजे ही पहुंच गयी। सर्व सेवा संघ के पास राजघाट पर 8.07 एकड़ जमीन है। बड़ा भवन है। इसमें करीब 50 आवास बने हैं। चार संग्रहालय भी हैं। जब पुलिस प्रशासन पहुंची तो लोगों ने विरोध दर्ज कराया। लोगों का कहना था कि उस आवास व जगह को छोड़कर जाने की पीड़ा शासन-प्रशासन नहीं समझ सकता है।

सर्व सेवा संघ के सदस्यों ने क्या कहा
सदस्यों ने बताया कि प्रशासन मनमाना काम कर रही है। यदि, एक्शन हुआ तो पूरे देश भर में सत्याग्रह करेंगे। शनिवार की सुबह प्रशासनिक अमला अपने पूरे लाव-लश्कर के साथ संघ परिसर पहुंचा और वहां रह रहे लोगों को परिसर से बाहर कर दिया। उन्होंने यह कहा कि सिविल कोर्ट में हम लोग अभी तक मुक़दमा हारे नहीं हैं, ऊपर के किसी अदालत ने कोई फ़ैसला नहीं दिया है, लेकिन प्रशासन क़ब्जा ले रहा है। हमने परिसर में पैदल चलना सीखा है। 1960 से 1980 तक यहां रहे। बहुत सी यादें जुड़ी हैं। यह विनोबा भावे, जेपी-गांधी की विरासत पर हमला है।
समाजशास्त्री प्रोफ़ेसर आनंद कुमार ने इस घटना के बाद एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उन्होंने इसे भारत के इतिहास में शर्मनाक घटना के रूप में याद रखा जाने वाला दिन बताया। उन्होंने कहा, “गांधी औरे जेपी की विरासत से जुड़ी वाराणसी के सर्व सेवा संघ और गांधी विद्या संस्थान पर पुलिस अपनी दबंगई से क़ब्जा करने पहुंची है। पुलिस बल पूर्वक इस महत्वपूर्ण विरासत को सरकार के क़ब्जे में करा रही है। ये गांधी और जेपी की विरासत पर सीधा हमला है।”