Gyanvapi Mosque Case : ज्ञानवापी सर्वे के लिए आज का दिन अहम है. ज्ञानवापी स्थित सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य हिस्से का सर्वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम कर रही है. ज्ञानवापी में एएसआई की टीम बिना मशीनों के प्रयोग से ही पूरे परिसर का नक्शा शीट पर उतार रही है. वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसपर सुनवाई भी आज ही होगी. हिंदू पक्ष के दावों को लेकर यह ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराया जा रहा है. ASI की टीम ने ज्ञानवापी परिसर में आज सुबह सात बजे से सर्वे का काम शुरू कर दिया है.

ज्ञानवापी में सर्वे को देखते हुए जिले की पुलिस और प्रशासनिक महकमा हाई अलर्ट पर है. ज्ञानवापी परिसर के पास पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है. इसके साथ ही वाराणसी में हाई अलर्ट है. गौरतलब है कि ज्ञानवापी में सर्वे पिछले दस दिन से रुका हुआ है। एएसआई की 43 सदस्यीय टीम 24 जुलाई को सर्वे के लिए पहुंची थी. वाराणसी जिला अदालत के जज अजय कृष्ण विश्वेश ने 21 जुलाई से परिसर के एएसआई सर्वे को इजाजत दी थी और 4 अगस्त को सर्वे की रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था.

300 मीटर के दायरे में बैरिकेड लगाकर सुरक्षा बढ़ाई गई
सर्वे के चलते परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और 2 आईपीएस, 4 एडिशनल एसपी, 6 डिप्टी एसपी और 10 पुलिस इंस्पेक्टर के अलावा करीब 200 पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया गया है. सर्वे के चलते ज्ञानवापी के हर 300 मीटर पर वज्र वाहन लगाए गए और आरएएफ के जवानों को काशी विश्वनाथ मंदिर के सभी गेट्स पर तैनात किया गया है. एटीएस के कमांडो ने सभी दरवाजों पर मोर्चा संभाला हुआ है.

सर्वे में सब कुछ साफ करने को कहा गया
जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर की संरचना को नुकसान पहुंचाएं बगैर ही सब कुछ वैज्ञानिक तरीके से एएसआई को स्पष्ट करने के लिए कहा था। अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सील वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी के मौजूदा निर्माण की प्रकृति और आयु का निर्धारण करें। इमारत के अलग-अलग हिस्सों और संरचना के नीचे मौजूद ऐतिहासिक और धार्मिक कलाकृतियों व अन्य सामग्रियों को देख कर उनकी वास्तविक स्थिति स्पष्ट करें। जो भी कलाकृतियां दिखें, उनकी भी उम्र और प्रकृति के बारे में बताएं। अदालत ने कहा है कि एएसआई की रिपोर्ट में यह स्पष्ट होना चाहिए कि क्या मंदिर को ध्वस्त कर उसके ढांचे के ऊपर मस्जिद बनाई गई है।
जिला अदालत को आज की सुनवाई में दी जा सकती है ये जानकारी
जिला अदालत की सुनवाई में एएसआई की तरफ से कोर्ट को इस बात की जानकारी दी जा सकती है कि सुप्रीम कोर्ट और बाद में हाई कोर्ट की रोक की वजह से सर्वे पूरा नहीं किया जा सका. कोर्ट को यह भी बताया जा सकता है कि सर्वे कितने दिनों में पूरा होगा और कब तक रिपोर्ट दाखिल की जा सकती है.
354 वर्षों से चल रहे विवाद के समाधान की उम्मीद
वाराणसी के एएसआई सर्वे से ज्ञानवापी को लेकर 354 वर्षों से चल रहे विवाद के समाधान की उम्मीद जगी है। हिंदू पक्ष का दावा है कि औरंगजेब ने 1669 में मंदिर ध्वस्त कराया और उसके ढांचे को बदल दिया। तभी हिंदू अपना अधिकार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब कानूनी तरीके से अधिकार पाने के प्रयास में लगे हैं। वहीं, मुस्लिम पक्ष को इस दावे पर आपत्ति है। उसका कहना है कि ज्ञानवापी परिसर में 600 वर्षों से नमाज अदा की जा रही है।