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Varanasi News : काशी में गंगा सैर के लिए रोजाना हजारों सैलानी आते हैं और गंगा में नौका विहार करते हैं। उनकी सुविधा के लिए जहां सैकड़ों नाव है तो तीन सरकारी क्रूज भी गंगा की लहरों पर मौजूद हैं। इसी बेड़े में देव दीपावली से काशी में निर्मित डबल डेकर स्वदेशी बजड़ा भी गंगा की लहरों पर दिखाई देगा। यह बजड़ा वोकल फॉर लोकल और मेड इंडिया की मिसाल है। अस्सी घाट पर स्वदेशी तकनीक पर इस बजड़े को तीन महीने में तैयार किया गया है। अलकनंदा क्रूज से बड़ा यह डबल डेकर बजड़ा पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर तैयार किया गया है।

वाराणसी के नाविकों ने विश्वनाथम नाम के पहले क्रूज को तैयार किया है। जिसका आज सफल ट्रायल वाराणसी के अस्सी घाट से नमो घाट तक किया गया। बनारसी रंग में रंगें इस क्रूज का नाम भी बाबा विश्वनाथ के नाम पर रखा गया है। विश्वनाथम नाम के इस क्रूज से काशी आने वाले पर्यटक काशी की भव्य दिवाली देख पाएंगे। 120 यात्रियों कि क्षमता वाले इस बजड़े के निर्माण पर 80 लाख रुपये खर्च हुए हैं। श्रीविश्वनाथम के प्रबंधन से जुड़े अजय साहनी ने बताया कि अलकनंदा क्रूज की तर्ज पर ही उन्होंने श्रीविश्वनाथम का निर्माण कराया है। अलकनंदा क्रूज की लंबाई 75 फीट है जबकि श्रीविश्वनाथम की लंबाई 80 फीट और चौड़ाई 20 फीट है।

पर्यटकों को सैर कराएगा श्रीविश्वनाथम

इस बजड़े के प्रबंधन से जुड़े अजय सहानी ने बताया कि अलकनंदा क्रूज जब गंगा की लहरों पर उतरा तो उसी समय एक ऐसा ही बज्दा बनवाने की सोची और उसकी कवायद में जुट गया। कई सारी परमिशन के बाद पिछले तीन महीने से अस्सी घाट पर स्वदेशी तकनीक से इस आकर दिया गया है। गुरुवार को इसका सफल ट्रायल भी गंगा की लहरों पर किया गया है।

ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग

बजड़ा पूरी तरह से वातानुकूलित है। इसमें दो इंजन लगाए गए हैं। एक इंजन सीएनजी जबकि दूसरा पेट्रोल से चलेगा। बजड़े का संचालन सुबह और शाम दो ट्रिप में होगा। शाम की सैर पांच बजे शुरू होगी। सुबह सुबह-ए-बनारस और गंगा आरती के बाद बजड़े का संचालन होगा। बुकिंग के लिए वेबसाइट भी तैयार कराई जा रही है। पर्यटक ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग करा सकते हैं।

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