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Varanasi : वाराणसी में विश्व प्रसिद्ध गंगा तट पर रोजाना होने वाली दैनिक संध्या आरती शनिवार को दिन के उजाले में भगवान भास्कर की उपस्थिति में हुई। दोपहर में घाटों पर आरती को देख हर कोई आश्चर्यचकित हो गया और यही प्रश्न करने लगा कि “आज कुछ खास है क्या” दरअसल, आज शरद पूर्णिमा पर रात 1 बजकर 5 मिनट से चंद्र ग्रहण की शुरुआत होगी। जो 2 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। इसलिए गंगा आरती हो दोपहर में किया गया। आरती से पहले अस्सी घाट पर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया।

भगवान भास्कर बने गंगा आरती के साक्षी

साल का अंतिम चंद्रग्रहण 28/29 अक्टूबर की रात में 1 बजकर 5 मिनट पर लगेगा। इसके 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा ऐसे में धर्म की नगरी काशी में सभी धार्मिक कार्य चंद्रग्रहण लगने के 9 घंटे पहले स्थगित कर दिए जाएंगे। सभी देवालयों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे और ये सभी अगले दिन सुबह मंगला आरती के बाद ही खुलेंगे। ऐसे में गंगा घाट पर होने वाली दैनिक संध्या गंगा आरती भी दिन के उजाले में भगवान् भास्कर की उपस्थिति में संपन्न हुई। विधि विधान से सभी कार्य पूर्ण कराए गए। इस दौरान गंगा आरती को दिन में देख श्रद्धालु और पर्यटक अचरज में भी दिखाई दिए।

32 साल के इतिहास में चौथा मौका

इस संबंध में गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि गंगा आरती के इतिहास में यह चौथा मौका है जब दिन में गंगा आरती की जा रही है। कहते हैं जब चंद्रग्रहण या सूर्ग्रहण लगाता है तो संकट का समय होता है। ऐसे में सभी देवालयों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। आज से पहले साल 2017, 18 और 19 में गंगा आरती को दिन में संपन्न कराया जा चुका है। यह चौथा मौका है जब दिन में गंगा आरती संपन्न कराई गई है।

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