
वाराणसी। देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे के कैंट स्टेशन को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। यहां एयरपोर्ट की तरह सुविधाएं होंगी। रोपवे के नाम महापुरुषों व संस्थाओं के नाम पर रखे जाएंगे। वहीं हर डेढ़ से दो मिनट के बीच यात्रियों को ट्राली कार मिलेगी। कैंट से गोदौलिया के बीच बनने वाले पांच स्टेशनों से प्रतिदिन एक लाख यात्रियों की आवागमन क्षमता के अनुसार विकसित किया जा रहा है।

रोपवे स्टेशन पर बैगेज स्कैनर, लॉकर रूम, ऑटोमेटिक गेट क्लोजर, सॉविनियर शॉप, एटीएम रेस्ट रूम की सुविधा होगी। काशी में रोपवे निर्माण में नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के साथ ही स्विटजरलैंड की बथोर्लेट कंपनी भी सहयोग कर रही है। कैंट, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया पर बनने वाले रोपवे के स्टेशन के नाम महापुरुषों व संस्थाओं के नाम पर होंगे। वहीं स्टेशनों को 150 फीट की ऊंचाई पर बनाया जाएगा। वहीं लगभग 153 फीट की ऊंचाई से रोपवे संचालित होंगे। एक दिशा में एक घंटे में तीन हजार लोग सफर कर सकेंगे।

स्टेशन और ट्रालियों पर दिखेगी काशी की झलक
रोपवे स्टेशन और ट्रालियों पर काशी की झलक दिखेगी। गोदौलिया स्टेशन को काशी विश्वनाथ धाम के प्रतिरूप के हिसाब से तैयारक किया जाएगा। इसी प्रकार स्टेशन पर गंगा व महापुरुषों के चित्र भी उकेरे जाएंगे। सभी स्टेशन को थीम आधारित बनाया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति अथवा निजी संस्था चाहे तो निर्धारित शुल्क देकर स्टेशन पर अपना नाम दर्ज करवा सकता है। रोपवे स्टेशन परिसर में प्रचार-प्रसार के लिए स्थान भी तय होगा। इससे आय होगी। मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा के अनुसार यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रोपवे का माडल तैयार किया गया है
