Varanasi News : आज छठ पूजा का तीसरा और सबसे अहम दिन है। भगवान भास्कर जैसे-जैसे पश्चिम की ओर बढ़ रहे थे महिलाओं का काफिला भी घाट, कुंड और सरोवरों की ओर बढ़ने लगा। वाराणसी में गंगा-वरुणा के 100 से ज्यादा घाटों और हजारों तालाबों के किनारे 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु छठ पूजा करने के लिए उमड़ेंगे। आज शाम डूबते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा। अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद महिलाएं घर पर जगराता करेंगे। छठ मैया के गीत भजन कर रात निकलेंगी। अगले दिन सुबह सूर्योदय से पहले दोबारा घाटों को सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचेंगे

घर से घाट तक सर पर होगी दलिया और अर्घ्य का सूप
फल से भारी डालियां तैयार हो रही है। अर्घ्य का सूप भी पूजा घर में रखा है। छठी मैया को प्रिया छह मुख्य फल डाभ, केला, नारियल, सिंघाड़ा, सुथनी, गन्ना अर्घ्य वाले सूप में सजाया जा रहा है। सेव, शरीफा, नाशपाती, अन्नानश, रसभरी आदि फलों से डलिया भरी जा रही हैं। परिवार के बाकी सदस्य सर पर फलों की डलिया और अर्घ्य का सूप उठाकर चलेंगे। पदयात्रा के दौरान सूप के ऊपर एक दिया भी हमेशा जलता रहेगा जिसे घाट पर बेदी तक पहुंचने से पहले बुझाने नहीं चाहिए। बाकी लोग हाथ में गाना और पूजा का सामान पटाखे आदि को लेकर चलेंगे। बेदी को पूजने के बाद जब सूरज ढलने को होगा तो महिलाएं नदि या तलाब के जल में उतरेंगी।

देर रात तक चलती रही छठ की तैयारी, गूंजते रहे छठ के गीत
घरों से घाट तक छठ के गीत गूंज रहे हैं। दिनभर व्रत रखने के बाद व्रतियों ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया। बरेका की रहने वाली संगीता प्रसाद ने बताया कि सुबह से ही परिवार में उत्साह का माहौल है। दिनभर सफाई व पूजन सामग्री तैयार की। हरियाणा से मेरी ननद ज्योति भी छठ पूजा करने आई है। शनिवार को निराजल व्रत रखकर रात में पूजा की। नगवां की 65 वर्षीय शकुंतला देवी 35 वर्षों से छठ पूजा करती हैं। अब वह अपने तीन बहुओं संग छठ पूजा करती हैं। उनकी बेटी भी सारनाथ से आई है। पूजन सामग्री की शुद्धता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि इस व्रत व पूजा की पवित्रता को कायम रखा जा सके।
घर पर रिश्तेदारों का जमावड़ा
छठ महापर्व के लिए घरों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दूर दराज से रिश्तेदार भी इस पूजन में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। चोलापुर ब्लाक के गोमती नदी, वनस्पति घाट, नियार, बाबतपुर, रजला, अजगरा, भदवा के गोमती घाटों पर महिलाओं ने वेदी बनाकर पूजन कर स्नान किया।