Varanasi : वाराणसी में सिख पंथ के संस्थापक गुरुनानक देव का 554वां प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा हैं। इस खास अवसर पर गुरुबाग स्थित गुरुद्वारे को विभिन्न फूलों, रंगबिरंगी झालरों और फव्वारे से भव्य सजावट की गई है। मानों पूरा परिसर गुरु नानकदेव की अखंड आभा से जगमग हो उठा हो। इस विशेष पर्व पर की गई सजावट से नहाया पूरा प्रागंण आकर्षण का केन्द्र रहा। देव दीपावली पर गुरुद्वारे में शाम 5:15 बजे दीपोत्सव हुआ। देव दीपावली गुरूनानक देव महाराज के 554 वें प्रकाशपर्व को समर्पित। प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में विभिन्न घाटों पर बैनर लगाए गये।

500 साल पहले काशी आए थे गुरूनानक
गुरु चरणों की राज्य का ही प्रभाव था कि काशी का बाग आज गुरुबाग के नाम से जाना जाता है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने गुरु बाग में 500 साल पहले जो परंपरा चलाई वह आज भी अनवरत जारी है। देशभर में जहां-जहां सिख गुरुओं के चरण पड़े वहां सभी स्थानों पर गुरुद्वारों का निर्माण किया गया। काशी में भी गुरु नानक देव के आगमन स्थल पर गुरुद्वारा गुरुबाग और नवम पातशाह गुरु तेग बहादुर सिंह व गुरु गोविंद सिंह की आगमन स्थल पर गुरुद्वारा बड़ी संगत नीची बाग सिख समुदाय की आस्था का प्रमुख केंद्र है।

पूर्व संध्या पर संगत और लंगर का आयोजन
पूर्व संध्या पर रविवार रात गुरुद्वारा गुरुबाग में हजूरी रागी भाई अमनदीप सिंह वह भाई जगतार सिंह ने गुरु वाणी से संगत को निहाल किया। रात में गुरु का लंगर बरताया गया। सोमवार सुबह 3:45 से शहाना स्वागत, उसके बाद नाम सिमरन, पाठ सुखमणि साहिब, आशा दी वार कीर्तन होगा। इस दौरान गुरु नानक इंग्लिश स्कूल, गुरु नानक खालसा बालिका इंटर कॉलेज एवं गुरु नानक इंग्लिश स्कूल शिवपुर के छात्र छात्राएं शब्द गायन करेगी।