Varanasi News : ज्ञानवापी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पूरा होने के बाद ASI ने स्टडी रिपोर्ट पेश करने में असमर्थता जताई है। टीम ने तकनीकी साक्ष्यों को तैयार करने के लिए जिला जज की अदालत से तीन हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा है। जिस पर जिला जज एक्सटेंशन एप्लिकेशन पर अदालत में 29 नवंबर यानी आज सुनवाई करेंगे। जिला जज ने अब तक चार बार ASI सर्वे का समय बढ़ाया है। एक अधिवक्ता के निधन के कारण मंगलवार को सुनवाई नहीं हो पाई थी।

जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्ववेश की अदालत ने सील वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश 21 जुलाई को दिया था। 24 जुलाई से एएसआई ने सर्वे शुरू किया तो अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे के आदेश पर रोक लगाई और मसाजिद कमेटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और चार अगस्त को जिला जज के आदेश को सही ठहराया। चार अगस्त से एएसआई ने सर्वे शुरू किया, जो अक्तूबर अंत तक चला। दो नवंबर को एएसआई ने जिला जज की अदालत को बताया कि सर्वे पूरा हो गया, लेकिन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है।
साक्ष्य पहले ही आ गया था सामने, ASI कर रही प्रमाणित
सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि ASI के सर्वे के पहले जो सधारण कमीशन सर्वे हुआ था उसमे साक्ष्य सामने थे लेकिन वो किस कालखंड का है।इसके अलावा कई अन्य साक्ष्य भी सामने आये हैं। उन्हें साइंटिफिक तरीके से प्रमाणित करने का काम ASI कर रहा है। प्रमाणित कर वह कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट दाखिल करेगा जो केस में नया मोड़ लाएगा और उसका बहुत बड़ा महत्व है।