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Varanasi News : वाराणसी में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता की वजह से बृहस्पतिवार से ही घने बदल छाए हुए है और कल से ही रुक-रुक कर रिमझिम बारिश हो रही है। इससे अधिकतम तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई है। पांच मिली मीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। बारिश की वजह से कुछ जगह सड़कों पर पानी भर गया। कीचड़ हो गया। इससे आवागमन में परेशानी हुई।

घने बदल होने के कारण आज तो बिलकुल भी धूप नही निकली है। बादलों की वजह से हवा काफी धीमी 4 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से बह रही है। आईएमडी की वेबसाइट के अनुसार आज वाराणसी का न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। आज सुबह काफी धुंध थी जिसकी वजह से विजिबिलिटी महज 200 मीटर तक ही थी।

वैज्ञानिकों ने कल से धूप निकलने का लगाया अनुमान

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि मौजूदा समय में मौसम काफी खुशनुमा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि एक बड़ा सा बादल का टुकड़ा अपने क्षेत्र से गुजर रहा है जिसका असर कल तक रहेगा। 2 दिसंबर की शाम तक मौसम इसी तरह बना रहेगा। उन्होंने कहा कि बड़ा ही अजीब सा मौसम इस समय चल रहा है। रात का टेंपरेचर बढ़ा हुआ है और दिन का टेंपरेचर घाटा हुआ है। मैदानी क्षेत्र में नमी बनी हुई है उन्होंने कहा है कि जैसे ही टेंपरेचर थोड़ा डाउन होता है धुंध की स्थिति बन जाती है। उन्होंने आगे बताया कि 3 दिसंबर से धूप खेलने की संभावना है।

रबी की फसल की बुवाई में देरी, धान को नुकसान

सुबह हुई बारिश से खेतों में नमी बढ़ गई है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, गेहूं, आलू, चना, मसूर समेत रबी की फसलों को फायदा हो सकता है। मगर जहां धान की फसल काटकर रखी गई है, उसके खराब होने की आशंका हैं। रोहनिया, लोहता, आराजीलाइन, पिंडरा आदि क्षेत्रों में हुई बारिश से खेतों में पानी लग गया है। कृषि विज्ञान संस्थान बीएचयू के प्रो.पीके सिंह ने बताया कि धान की फसल अधिकांश जगहों पर पककर तैयार हो गई। बारिश से धान खेत में गिर जाएगी। रबी की फसल की बोआई में देरी होगी।

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