
क्या भारत सचमुच 99 साल की लीज पर है ? क्या हर भारतीय एक बार फिर 99 साल पूरे होने पर गुलाम हो जाएगा ? ये एक बेहद चिंतनीय सवाल हैं, जिसकी सच्चाई आज हम आपको बताएंगे, आइये जानें।
क्या भारत सचमुच 99 साल की लीज पर है ? क्या हर भारतीय एक बार फिर 99 साल पूरे होने पर गुलाम हो जाएगा ? ये एक बेहद चिंतनीय सवाल हैं, जो इन दिनों सोशल मीडिया के साथ साथ गूगल पर भी काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी सवाल ने देश के दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में भी राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। दरअसल, इस सवाल के गर्म होने की वजह हैं नए ज्योतिष्पीठाधीश्वर और द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान गूगल पर मौजूद दस्तावेजों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति और भारतीय न्याय पालिका से इसपर जवाब देने की अपील की है।
90 साल की लीज पर जवाब दें ?
आपको बता दें कि, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने नरसिंहपुर के परमहंसी गंगा आश्रम में आयोजित पहली पत्रकार वार्ता के दौरान सवाल करते हुए कहा कि, हमने सुना है और गूगल पर भी ये दस्तावेज हैं, कि भारत को अंग्रेजों ने 99 साल की लीज पर आजादी दी थी। अब 75 साल बीत चुके हैं। 24 साल शेष हैं। इसके बाद भारत पुनः गुलाम हो जाएगा। इसपर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और देश की न्यायपालिका को जवाब देना चाहिए।
देशभर की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ाने वाला सवाल
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने जिस सवाल पर देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट से जवाब मांगा है, वो नया नहीं। पिछले कई दिनों से ये सवाल देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। लेकिन, ये सवाल इतना गर्माया क्यों। इस सवाल ने कहां से जन्म लिया है। इसकी हकीकत क्या है। आज पत्रिका आपको इसी सवाल का सच बताएगा।
कहां से आया ये सवाल ?
दरअसल, ये सवाल बीते दिनों सेबसे पहले एक टीवी डीबेट के दौरान भारतीय जनता पार्टी की युवा मोर्चा की कार्यकर्ता रुचि पाठक ने खड़ा किया था। उन्होंने टीवी डीबेट के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता से बहस करते हुए दावा किया था कि, भारत पूरी तरह से स्वतंत्र नहीं है और भारत की स्वतंत्रता 99 वर्षों के लिए लीज पर है। रुचि पाठक के अनुसार, 1947 में भारत को अंग्रेजों से पूरी तरह स्वतंत्रता नहीं मिली थी, ये कहते हुए कि, हमारी स्वतंत्रता अंग्रेजों से 99 साल की लीज डील है और नेहरू ने ब्रिटिश क्राउन से 99 साल की लीज पर भारत को आजादी दिलाई। रुचि पाठक जिस वीडियो में ये दावे करती दिखाई दी थीं, वो वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया।
सोशल मीडिया पर जारी चैनल के डिबेट में 6 मिनट का वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में निजीकरण के मुद्दे पर बहस हो रही थी। इस दौरान यूथ कांग्रेस प्रवक्ता गौरव जैन ने बीजेपी युवा मोर्चा की प्रवक्ता रुचि पाठक से तंजिया लहजे में सवाल किया कि, नेहरू जी ने तो आजादी भी दिलाई थी तो क्या आप वो भी वापस कर देंगे? इसपर रुचि ने कहा कि, ‘वो भी आपने कॉन्ट्रैक्ट बेस पर ली है, पूरी लड़कर नहीं ली’। रुचि ने आगे कहा- वहीं मैं बता रही हूं कि, ये भी 99 साल की लीज पर ले पाए थे आप। अगर आपमें इतनी कुव्वत थी तो पूरी आजादी लेते, उस टाइम क्यों आपने लीज पर ले ली।
ये हो सकता है दावे का मकसद
हालांकि, पड़ताल में सामने आया कि, इस दावे का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है। ये दावा लंबे समय से चले आ रहा मात्र एक नैरेटिव है, जो लगातार ये साबित करने के लिए फैलाया जाता है कि, स्वतंत्रता सेनानियों के साथ साथ कांग्रेस ने देश के लिए उतना कुछ नहीं किया, जितना उन्हें करना चाहिए था।
क्या कहता है भारत का संविधान ?

कैबिनेट मिशन प्लान के तहत भारत के नए संविधान बनाने के लिए संविधान पीठ का निर्माण किया गया। इसका जिक्र भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के सेक्शन 8 में भी किया गया। इसके बाद तय किया गया कि, संविधान का नया ड्रॉफट पर गर्वनर जनरल की सहमति ले ली जाए, जो कि ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर भारत में मौजूद हैं। लेकिन बाद में हिंदुस्तान की तरफ से तय किया गया कि संविधान को किसी भी अप्रूवल के लिए ब्रिटिश पॉलियामेंट या गर्वनर जनरल के सामने पेश नहीं किया जाएगा। यही नहीं, संविधान के अनुच्छेद 395 के तहत भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 को खत्म करने की बात भी लिखी गई। अनुच्छेद 395 के अनुसार, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947, भारत सरकार अधिनियम, 1953 तथा इनके अन्य पूरक अधिनियमों को, जिसमें प्रिवी कौंसिल क्षेत्राधिकार अधिनियम शामिल नहीं है, सभी रद्द होते हैं।