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वाराणसी। बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में विश्व शांति के लिए विशेष पूजा-अर्चना की गई। बौद्ध भिक्षुओं ने धमेख स्तूप के सामने बैठकर पूजा व धर्म चक्र प्रवर्तन पाठ किया। शाम को दीपदान होगा। स्कूली बच्चों ने बुद्ध चैतना रैली निकालकर लोगों को बुद्ध के संदेशों से अवगत कराया। 

इस अवसर पर स्कूली बच्चों की ओर से निकाली गई बुद्ध चेतना रैली विभिन्न मार्गों से होते हुए सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी विहार पहुंचकर समाप्त हुई। मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष भी बौद्ध भिक्षुओं ने पूजा अर्चना की। भगवान बुद्ध के अवशेषों के भी दर्शन किए। 

महाबोधि सोसाइटी आफ इंडिया के सचिव भिक्षु सुमितानंद थेरो ने बताया कि इस वर्ष बैशाख पूर्णिमा के दिन लुंबी में सिद्धार्थ का जन्म हुआ था। आज भगवान बुद्ध का 2567 वां जन्मदिन है। उन्हें बोधगया में ज्ञान प्राप्त हुआ और सारनाथ में उन्होंने अपने शिष्यों को पहला उपदेश दिया था। इस पवित्र दिन पर सारनाथ आने वाले अनुयायियों को भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेषों के दर्शन करवाए जा रहे हैं। सायंकाल मंदिर परिसर में दीपदान का भी आयोजन किया जाएगा।

वाराणसी स्वच्छता अभियान व पर्यावरण संरक्षण का संदेश बैशाख पूर्णिमा के अवसर पर शुक्रवार को नमामी गंगे संस्था की ओर से दशाश्वमेध घाट पर स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस दौरान घाट पर साफ-सफाई की। साथ ही महात्मा बुद्ध का पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। लोगों को सफाई व गंगा निर्मलीकरण के बाबत जागरूक किया। 

काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने स्वच्चता अभियान का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन दर्शन में नदियों का बहुत महत्व है। धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक,  व्यापारिक, पर्यटन, स्वास्थ्य , कृषि, शैक्षिक, औषधि, पर्यावरण और न जाने कितने क्षेत्र हैं जो हमारी नदियों के जरिये आपस में जुड़े हुए हैं। कहा कि हमारी पवित्र नदियां विश्व बंधुत्व और वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देती हैं। वैसे ही भगवान बुद्ध का संदेश हमें सत्य, अहिंसा, प्रेम, करुणा और शांति के मार्ग पर चलकर मानवता की सेवा करने की प्रेरणा देता है। हम सब बुद्ध के सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात कर सामाजिक समरसता का संकल्प लें।

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