नई दिल्ली. दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों का धरना-प्रदर्शन जारी है। इस बीच 2016 रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को चुनौती दी है। उन्होंने बृजभूषण को नार्को टेस्ट कराने और खुद को निर्दोष साबित करने की चुनौती दी है। साक्षी मलिक की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि दिल्ली की एक अदालत ने डब्ल्यूएफआई चीफ और भाजपा सांसद बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों में दर्ज प्राथमिकियों पर दिल्ली पुलिस से स्थिति रिपोर्ट मांगी है.
दरअसल, अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने प्रदर्शनकारी पहलवानों की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया. याचिका में मांग की गई है कि जांच की निगरानी की जाए और कथित पीड़ितों के बयान अदालत के समक्ष दर्ज कराये जाएं. इसमें दावा किया गया है कि 28 अप्रैल को प्राथमिकियों के दर्ज होने के बाद से पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.
अदालत ने पुलिस को 12 मई तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा, जब वह मामले में आगे सुनवाई करेगी. याचिका में दावा किया गया, ‘पुलिस कोई जांच करने को तैयार नहीं है. पुलिस ने अदालत के समक्ष पीड़ितों के बयान तक दर्ज नहीं किये हैं.’ बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दोनों प्राथमिकियों की प्रतियां भी सीलबंद लिफाफे में अदालत में पेश की गई. एक प्राथमिकी एक नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में ‘यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण’ (पॉक्सो) कानून के तहत दर्ज की गई है, वहीं दूसरी अन्य शिकायतकर्ताओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों में दर्ज की गई है.
महिला पहलवानों ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था जिसके बाद 28 अप्रैल को इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गई थीं. याचिकाकर्ताओं के वकील ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देनजर प्राथमिकी दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर पीड़ितों के बयान अदालत में दर्ज होने चाहिए थे. उन्होंने कहा कि प्राथमिकियों के दर्ज होने के तीन दिन बाद बयान दर्ज किये गये.
वकील ने दावा किया कि आरोप है कि खेल मंत्रालय में एक अधिकारी ने एक पीड़ित पहलवान के पति को बुलाया था और मामले को निपटाने के लिए कहा था. वकील का यह भी आरोप है कि एक राज्य कुश्ती संघ के अधिकारी ने एक पीड़िता के कोच और परिवार से संपर्क साधकर मामले के निस्तारण का प्रयास किया था. वकील ने दावा किया, ‘उस व्यक्ति ने कहा कि लड़कियों ने गलती की है. उन्होंने कहा कि नेताजी से मिल लीजिए, वह मामले को हल करा देंगे.’
पहलवानों ने गुरुवार को बृजभूषण के खिलाफ जांच की धीमी प्रक्रिया का विरोध करने के लिए काली पट्टी बांधने का भी फैसला किया। धरने पर बैठे पहलवान एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने के आरोप में बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
इससे पहले सोमवार को ऐसी खबरें आईं थी कि धरना दे रहे पहलवानों ने 15 दिन बाद टूर्नामेंट्स के लिए अभ्यास करना शुरू कर दिया है। बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट जैसे पहलवानों ने सोमवार को अभ्यास किया था। ये पहलवान एशियाई खेलों के ट्रायल के लिए तैयारी कर रहे हैं। वहीं, आईओए के एड-हॉक पैनल ने ट्रायल 17 मई से कराने का फैसला लिया है।