वाराणसी में मंगलवार को विकास प्राधिकरण (वीडीए) और प्रशासन की टीम ट्रांसपोर्ट नगर रोहनिया में निशानदेही करने पहुंची। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने को लेकर वीडीए की टीम से किसान भिड़ गए और हंगामा करने लगे। पुलिस ने लोगों को वहां से हटाया तो किसानों ने पथराव शुरू कर दिया।
जवाब में पुलिस ने भी लाठी चार्ज किया। घटना में दो महिला समेत 11 किसान घायल हो गए। जबकि दरोगा कुलदीप कुमार को भी चोटें आई है। कंट्रोल की सूचना पर आस-पास से 6 थानों से फोर्स पहुंची। जिसके बाद किसानों को वहां से खदेड़ा।
लंबे वक्त से हो रहा ट्रांसपोर्ट नगर योजना का विरोध
करीब 20 साल पहले मोहनसराय के आसपास के चार गांवों में ट्रांसपोर्ट नगर योजना के लिए 89 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना था। इसमें 1194 किसानों को 45 हेक्टेयर जमीन का मुआवजा वितरित करने के बाद किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया। विरोध के चलते ट्रांसपोर्ट नगर योजना ही अधर में लटक गई और वीडीए मुआवजा बांटने के बाद भी जमीन पर कब्जा नहीं ले पाया।
जेसीबी से जमीन की निशानदेही करने पहुंची थी टीम

विकास प्राधिकरण के लिए रोहनियां में ट्रांसपोर्ट नगर के लिए अधिकारियों को लगातार किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ट्रांसपोर्ट नगर वाले स्थल पर टाउन प्लानिंग स्कीम को आकार देने के लिए लगातार कोशिश कर रहे है। जिसके चलते वीडीए की टीम दोपहर 12 बजे रोहनियां ट्रांसपोर्ट नगर में अतिक्रमण खाली कराने पहुंची। पुलिस टीम ने क्षेत्र को घेरे में लेने पर वीडीए कर्मियों जेसीबी से निशानदेही शुरू की।
सूचना पाकर ट्रांसपोर्ट नगर योजना से प्रभावित चारों गांव के किसान पहुंच गए। जिसके बाद किसानों ने विरोध शुरू कर निशानदेही को रोकने का प्रयास किया। पुलिस और प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की बात कही, तो किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया। किसानों के विरोध का सामना करने के बीच वीडीए की हर कोशिश नाकाम रही और टीम को वापस लौट गई।
आज की तारीख के हिसाब से मुआवजा मांग रहे किसान
मामला शासन के संज्ञान में आने के बाद इस योजना पर फिर से कार्रवाई शुरू हुई। मुआवजा ले चुके किसानों की जमीन का सीमाकंन करने सोमवार को पूरी टीम के साथ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष अभिषेक गोयल भारी पुलिस बल के साथ करनाडाडी गांव पहुंचे। जेसीबी से खुदाई कर सीमाकंन का काम शुरू ही हुआ था कि भारी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। सभी जेसीबी के आगे खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। किसानों का कहना था कि सरकार सिर्फ उसी जमीन पर कब्जा करे जिसका मुआवजा वो दे चुकी है। जिन जमीनों का मुआवजा किसानों ने नहीं लिया है उसे जबरदस्ती कब्जा ना किया जाए। किसान आज की तारीख के हिसाब से मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर किसान मौके पर पहुंचे।